आब आओर कतेक प्रतीक्षा?
कोमल कुसुम सन कोपल,
भई कठोर वट विशाल!
आब और कतेक प्रतीक्षा?
पंछी पखेरू जो उड़े उषा संग,
ले निवाला निशा संग पहुंचे प्रशाल!
आब आओर कतेक प्रतीक्षा?
वाटिका विहुंसी बीच वसंत,
आबैत पतझर गेल मुरझाए !
आब आओर कतेक प्रतीक्षा?
पायल टूटल पथिक पियासे,
बिछिया विरह मे मातल जाय!
आब आओर कतेक प्रतीक्षा?
कंगन कुहरै फाटै कौर,
जं जनितों अहां आजु नै आयब?
सबटा गहना पठिबतहुं चोर!
आब आओर कतेक प्रतीक्षा?
काजर बहिगेल बदरा दरिया बन,
ठिठकल ठोर लाली ठोरै ठाम,
आब बुझि जाऊ अनुन्जया!
ऐ जन्मे नै भैटैत श्याम!
आब अओर कतेक प्रतीक्षा?
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