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साहित्य समाद – समटल प्रकाश


  समटल प्रकाश   देखू  भेल उदय नभ पर सूर्य नेने नब तेज , ऊँच गर्दन क हर डाली, हर दूभि चाहि रहल प्रकाश स करि भेंट ; वृक्ष , पक्षी , मनुष्य आओर पशु, सूर्य करई छै नई ककरो स भेद , फेर किया रहि जाई छै ई प्रकाश समटल किछ- एक-ए धिया -पुता […]

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